वक़्त ने न जाने किस मोड़ पर ला के खड़ा किया उस नाचीज़ को हमनें दिल दिया और बड़ा किया ख़ुद को नूर ए नबी और महताब समझते हैं वो हमी से मोहब्बत मे हार के हमी से लड़ा किया ©naviin #Beraham