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#WorldHealthDay जहाँ वो पिगल रही है। मैं भी वहीं ज

#WorldHealthDay जहाँ वो पिगल रही है।
मैं भी वहीं जल रहा हूँ।
ए इश्क़ तु बदल रहा है।
तो मैं भी बदल रहा हूँ।
अँधेरी रात ढल रही है।
मै सूरज निकल रहा हूँ।
ज़मीन फिसलरही है।
मै हमेशा सँभल रहा हूँ।

©Zia Hasan #worldhealthday  parvaiz ahmed MD Asif Raza Naayaab satyam Yadav Pallavi Srivastava
#WorldHealthDay जहाँ वो पिगल रही है।
मैं भी वहीं जल रहा हूँ।
ए इश्क़ तु बदल रहा है।
तो मैं भी बदल रहा हूँ।
अँधेरी रात ढल रही है।
मै सूरज निकल रहा हूँ।
ज़मीन फिसलरही है।
मै हमेशा सँभल रहा हूँ।

©Zia Hasan #worldhealthday  parvaiz ahmed MD Asif Raza Naayaab satyam Yadav Pallavi Srivastava