#WorldHealthDay जहाँ वो पिगल रही है। मैं भी वहीं जल रहा हूँ। ए इश्क़ तु बदल रहा है। तो मैं भी बदल रहा हूँ। अँधेरी रात ढल रही है। मै सूरज निकल रहा हूँ। ज़मीन फिसलरही है। मै हमेशा सँभल रहा हूँ। ©Zia Hasan #worldhealthday Pallavi Srivastava