Nojoto: Largest Storytelling Platform

नही हू मै माना कि मस्तेखाख से बढ़ कर नही हू मै लेकि

नही हू मै
माना कि मस्तेखाख से बढ़ कर नही हू मै
लेकिन हवा के रहमो करम पर नही हू मै.
इंसान हू धड़कते हुए दिल पे हाथ रख
यू डूब कर न देख समंदर नही हू मै.
चहेरे पे मल रहा हू सियाही नसीब की
आईना हाथ मे है सिकंदर नही हू मै.
वो लहर हू जो प्यास बुझाय जमीन की
saifi9543759122659

Saifi

New Creator

नही हू मै माना कि मस्तेखाख से बढ़ कर नही हू मै लेकिन हवा के रहमो करम पर नही हू मै. इंसान हू धड़कते हुए दिल पे हाथ रख यू डूब कर न देख समंदर नही हू मै. चहेरे पे मल रहा हू सियाही नसीब की आईना हाथ मे है सिकंदर नही हू मै. वो लहर हू जो प्यास बुझाय जमीन की

Views