नही हू मै माना कि मस्तेखाख से बढ़ कर नही हू मै लेकिन हवा के रहमो करम पर नही हू मै. इंसान हू धड़कते हुए दिल पे हाथ रख यू डूब कर न देख समंदर नही हू मै. चहेरे पे मल रहा हू सियाही नसीब की आईना हाथ मे है सिकंदर नही हू मै. वो लहर हू जो प्यास बुझाय जमीन की Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto