इसीलिये तो हमारा निशाना बनता है हमारे सामने आकर ज़माना बनता है ! हमारे जिस्मों की ईंटें लगाई जाती हैं, हमें ठिकाने लगाकर ठिकाना बनता है ! #आला_हजरत_जिंदाबाद#