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कोई जुआ जान का खेला है। कोई सुख में भी है दुखी हु

कोई जुआ जान का खेला है।

कोई सुख में भी है दुखी हुआ 

कोई मस्ती में दुख को झेला है 

समझो तो  ये प्रीत प्यारे 

नहीं लगता इक झमेला है ।

रब से इश्क हुआ जिसको 
वो जग से अलबेला है।

©SHIVAM TOMAR "सागर"  Priya Gour
कोई जुआ जान का खेला है।

कोई सुख में भी है दुखी हुआ 

कोई मस्ती में दुख को झेला है 

समझो तो  ये प्रीत प्यारे 

नहीं लगता इक झमेला है ।

रब से इश्क हुआ जिसको 
वो जग से अलबेला है।

©SHIVAM TOMAR "सागर"  Priya Gour