कोई जुआ जान का खेला है। कोई सुख में भी है दुखी हुआ कोई मस्ती में दुख को झेला है समझो तो ये प्रीत प्यारे नहीं लगता इक झमेला है । रब से इश्क हुआ जिसको वो जग से अलबेला है। ©SHIVAM TOMAR "सागर"