मेरे सपने मेरे सपने साथ-साथ ही चलना न बहाने बनाकर रूठ जाना,हकीकतों की तरह, गर तुम भी रूठे तो किसका सहारा लेगें, इस बखौफ बेहद बद्तमीज ज़िंदगी में।। — % & #restzone #rztask253 #rzलेखकसमूह