ek roz kabhi mil jao na ।। poem by amit
वेलंटाइन्स वीक के खास मौके पर बोलते पन्ने लाया है खास कविता ... ‘इक रोज कभी मिल जाओ न’। खुद को थोड़ा सा शायर कहने वाले अमित कुमार ने इसे शब्द दिए हैं और दिल छू लेने वाला अंदाज भी उन्हीं का है। बोलते पन्ने के लिए वीडियो बनाने में मदद की शिवांगी ने । आप भी अपने दिल के अल्फाजों को हमारे साथ आवाज दीजिए ...इंंतजार रहेगा आपकी लिखी कविता का। अभी सुनिए ....इक रोज कभी आ जाओ न
@Amitkmr Gwal