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मैं आंगन, कभी खिलखिलाहटों से भरता था आज मूक सा खड़

मैं आंगन,

कभी खिलखिलाहटों से भरता था
आज मूक सा खड़ा
बाट जोह रहा हूँ अपनों के आने की।
वही अपने, जिनका बचपन बीता है मेरे साथ, 
वही जिन्हें खिलाया था भोर होते ही, तो
वही अपने जो सांझ होते ही बिछौने में दुबक कर 
राजा रानी की कहानी में खो जाते थे ।

स्याह रात में बरगद के पत्तियों से गुजरती हवा से 
वो सब कितना डर जाते थे ।।
सुबह के उजियारे में स्वप्न समझ सब भूल जाते थे।
तपती दुपहरी में नीम के पेड़ तले डेरा जमाते थे ।
कभी कंचे कभी गिट्टे के खेल में दिन भर डूब जाते थे।।
तो कभी बाबा के डर से पढ़ने भी बैठ जाते थे ।

गर्मियों की छुट्टियों में दौड़ कर मेरे सीने से लग जाते थे ।
भूलकर अपने शहर की आपाधापी , 
वो सब कितना उधम पटक मचाते थे।

मैं आंगन,
आज भी वही हूँ, इन्तेज़ार करता हुआ ... अपनों की..!!

©Rooh_Lost_Soul #Aangan #RoohLostSoul #nojoto #nojotohindi #Januarycreator #Basyunhi🌼  सत्य Internet Jockey Anshula Thakur vks Siyag Rakesh Kumar Soni
मैं आंगन,

कभी खिलखिलाहटों से भरता था
आज मूक सा खड़ा
बाट जोह रहा हूँ अपनों के आने की।
वही अपने, जिनका बचपन बीता है मेरे साथ, 
वही जिन्हें खिलाया था भोर होते ही, तो
वही अपने जो सांझ होते ही बिछौने में दुबक कर 
राजा रानी की कहानी में खो जाते थे ।

स्याह रात में बरगद के पत्तियों से गुजरती हवा से 
वो सब कितना डर जाते थे ।।
सुबह के उजियारे में स्वप्न समझ सब भूल जाते थे।
तपती दुपहरी में नीम के पेड़ तले डेरा जमाते थे ।
कभी कंचे कभी गिट्टे के खेल में दिन भर डूब जाते थे।।
तो कभी बाबा के डर से पढ़ने भी बैठ जाते थे ।

गर्मियों की छुट्टियों में दौड़ कर मेरे सीने से लग जाते थे ।
भूलकर अपने शहर की आपाधापी , 
वो सब कितना उधम पटक मचाते थे।

मैं आंगन,
आज भी वही हूँ, इन्तेज़ार करता हुआ ... अपनों की..!!

©Rooh_Lost_Soul #Aangan #RoohLostSoul #nojoto #nojotohindi #Januarycreator #Basyunhi🌼  सत्य Internet Jockey Anshula Thakur vks Siyag Rakesh Kumar Soni