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मैंने तो कभी चाय पिने की भी उम्मीद नहीं की, तुम्हा

मैंने तो कभी चाय पिने की भी उम्मीद नहीं की,
तुम्हारा जाना क्या ही रुलाता,
हाँ अफवाह थी की सुबह तक मेरा तकिया गिला था...
अब बंद आँखों पर अपनी हुकूमत कैसे चलाता?

©Rãjpøôt BãÑä Ãkâsh
  #Write #Love #Left #Alone