बेशक आज भी तेरी याद आती है.. वो सारे सपने जो हमने देखे थे वो याद आती है.. तेरी मुस्कुराहट तेरी नादानियाँ मेरे लिए दिए हुए सारी कुर्बानियाँ.. मेरे लिए खाई पापा की गालियां... मम्मी की हाथोँ की थप्पड़ दागी गोलियाँ.. तेरी सारी बात याद आती है.. यँहा तक तो पी सकता हूँ .. इश्क़ वाली विष को.. अरे पगली! दिल तो तब टूट जाता है.. जब तेरी रोते हुए सूरत याद आती है.. बेशक आज भी तेरी याद आती है.. -चंद्रसेन कोरी.. #kori #aalfaazayekori #nojoto