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नीले नभ में नीले सपने जब मुखरित हो उठते सांध्य रश्

नीले नभ में नीले सपने
जब मुखरित हो उठते
सांध्य रश्मियों से विम्बित हो
स्वर्गिक श्री सुख देते .
जब दिखता वह देवलोक सा
दूर पहाड़ी के ऊपर
तब किसी प्रेमिका के आंखों में
उसके प्रिय करवट लेते
ः महेन्द्र जोशी
नीले नभ में नीले सपने
जब मुखरित हो उठते
सांध्य रश्मियों से विम्बित हो
स्वर्गिक श्री सुख देते .
जब दिखता वह देवलोक सा
दूर पहाड़ी के ऊपर
तब किसी प्रेमिका के आंखों में
उसके प्रिय करवट लेते
ः महेन्द्र जोशी