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काश मैं एक नदी की तरह बह पाता, और ज़िन्दगी के पहाडो

काश मैं एक नदी की तरह बह पाता,
और ज़िन्दगी के पहाडो से लुढ़कते, गिरते,
बस अपने ही इशारों पर इठलाते हुए,
सारी गहराइयों को खुद में समेटकर मैं रह जाता,

काश मैं एक नदी की तरह बह पाता...

ना कोई फ़िक्र होती ख़ुद से कुछ जोड़ने की, 
ना कोई परवाह होती ख़ुद से कुछ तोड़ने की,
सब कुछ आता और बस मुझमें आकर मिल जाता,

काश मैं एक नदी की तरह बह पाता...

जिधर से गुजरता, उस शहर की यादों को,
वहाँ मिले हर अजनबी के किए वादों को,
अपनी लहरों में बटोरता हुआ मैं चला जाता,

काश मैं एक नदी की तरह बह पाता...

फिर किसी एक मोड़ पर तुम भी मुझे मिलती,
संगम की तरह, तुम मुझमे ऐसे घुलती,
कि तुम्हारे हर हिस्से में, मेरे किस्से बन जाते,
और उस संगम से, ये उफ़ान भी दुगने बढ़ जाते,

फिर एक दूजे का हाथ थाम, हमारा साथ यूँ 'एक' बन जाता,
मैं अपनी हलचलें साथ लिए, तुम संग यूँ ही ज़िन्दगी बिताता,
काश मैं तुझे वक्त रहते ये सब बता पाता,
काश मैं एक नदी की तरह बह पाता...

©Gaurav Chauhan एक नदी की तरह #Life_experience #poemonlife #zindgi #khwahish #alone #hasrat #Gaurav #chauhanshayari
काश मैं एक नदी की तरह बह पाता,
और ज़िन्दगी के पहाडो से लुढ़कते, गिरते,
बस अपने ही इशारों पर इठलाते हुए,
सारी गहराइयों को खुद में समेटकर मैं रह जाता,

काश मैं एक नदी की तरह बह पाता...

ना कोई फ़िक्र होती ख़ुद से कुछ जोड़ने की, 
ना कोई परवाह होती ख़ुद से कुछ तोड़ने की,
सब कुछ आता और बस मुझमें आकर मिल जाता,

काश मैं एक नदी की तरह बह पाता...

जिधर से गुजरता, उस शहर की यादों को,
वहाँ मिले हर अजनबी के किए वादों को,
अपनी लहरों में बटोरता हुआ मैं चला जाता,

काश मैं एक नदी की तरह बह पाता...

फिर किसी एक मोड़ पर तुम भी मुझे मिलती,
संगम की तरह, तुम मुझमे ऐसे घुलती,
कि तुम्हारे हर हिस्से में, मेरे किस्से बन जाते,
और उस संगम से, ये उफ़ान भी दुगने बढ़ जाते,

फिर एक दूजे का हाथ थाम, हमारा साथ यूँ 'एक' बन जाता,
मैं अपनी हलचलें साथ लिए, तुम संग यूँ ही ज़िन्दगी बिताता,
काश मैं तुझे वक्त रहते ये सब बता पाता,
काश मैं एक नदी की तरह बह पाता...

©Gaurav Chauhan एक नदी की तरह #Life_experience #poemonlife #zindgi #khwahish #alone #hasrat #Gaurav #chauhanshayari