चांद तारे तोड़ लाने का वादा तो नहीं करूंगी हां लेकिन इतना वादा जरूर कर सकती हूं कि जीवन के इस संघर्ष भरे दौर में उलझनों की जद्दोजहद में घिरे सफलताओं को हासिल करने की कोशिश में माथे की लकीरों में शिकन समेटे उदास आंखों और उदास मन के साथ गर तुम बैठ जाओगे कभी थक हार कर कहीं तो मैं भी ठहर जाऊंगी तुम्हारा हाथ थाम वहीं तुम्हारे पास ही तुम्हारे साथ ही तुम्हें मिलूंगी तुम्हारी उलझनों में उलझी हुई Suman कोठारी ©एहसासों की दुनिया #happypromiseday