"जी चाहता है चूम लूँ तिरे दो हाँथ मखमली, संदली खुशबुओं में करता रहूँ देर तलक बातें......!! तेरी पकीज़ा मोहब्बत का करके सजदा, आँखों ही आँखों में पढ़ लूँ तेरे लबों का दर्द.......!! वो एक चुम्बिश को मचलता ईश्क, वो एक रातों को धडकता ईश्क......!! वो चाँद तारों ज़ड़े जिश्म से, रोज़ मिलने को तड़पता ईश्क.......!! के इसका रंग आवारा, ये भटके मारा-मारा..... ये जोगी जोग जगाए , रे जोगन रोग लगाए ....... हो........... बैरी टूटा-टूटा, क्यूँ दिल ये..... रूठा रूठा........ प्रेम की अगन लगाए, मनवा खीझा खीझा जाए.......!! " #ओम 'मलंग' "जी चाहता है चूम लूँ तिरे दो हाँथ मखमली, संदली खुशबुओं में करता रहूँ देर तलक बातें......!! तेरी पकीज़ा मोहब्बत का करके सजदा, आँखों ही आँखों में पढ़ लूँ तेरे लबों का दर्द.......!! वो एक चुम्बिश को मचलता ईश्क, वो एक रातों को धडकता ईश्क......!!