अपनो के लिए अपनी खुशिया कुर्बान करनी पड़ती है मेने की भी और करती गई मेरी खुशियां मेरे हाथों से रेत की तरह बस फिसलती गई कुर्बानी का सिलसिला कभी खत्म कहा हुआ है तो क्या किया जाए अब ये सोच के खुशियो का गला घोटू की अपनो का दम न घुट जाए मेरी खुशी से, या ये समझ जाऊ की "जिंदगी एक है" आने वाला पल पता नही क्या हो, और अब बस करू अपनी खुशियो का दम तोड़ना यू बिखरते हुए अपने अरमानो को देखना या जी लू अपने हर पल को अपने हिसाब से #Nojoto #Hindi #JindagiKaSach