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तू ही बर्बाद करता है, तू ही आबाद करता है, अदावत म

तू ही बर्बाद करता है, तू ही आबाद करता है, 
अदावत में, लहू बहता है बस, 
नहीं कुछ खास होता है।

दूर कर दो तीशांगी को, जो
बहती है नस नस में,
हसरत जब बड़ी है, एक कत्लेआम होता है।

©Senty Poet #katleaam #hasrat #no #Vo #Lo #Care #Hindi #urdu 

#KashmiriFiles
तू ही बर्बाद करता है, तू ही आबाद करता है, 
अदावत में, लहू बहता है बस, 
नहीं कुछ खास होता है।

दूर कर दो तीशांगी को, जो
बहती है नस नस में,
हसरत जब बड़ी है, एक कत्लेआम होता है।

©Senty Poet #katleaam #hasrat #no #Vo #Lo #Care #Hindi #urdu 

#KashmiriFiles
jassalamarjit5769

Senty Poet

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