बेगुनाह मोहब्ब्त। (दर्दभरी मोहब्ब्त की एक दर्दभरी दास्ताँ) जल्द ही अपने सक्रिय ब्लॉग "दास्ताँ" के तहत अपनी तीसरी दास्ताँ "बेगुनाह मोहब्ब्त।" को जो कि अपने आप मे हर दर्द ए दिल दर्द ए मोहब्ब्त की एक इंतेहा है को अपनी अपनी ब्लॉग साइट vikrantrajliwal.com पर प्रकाशित करूँगा। जिसे पढ़ कर आप मेरी समस्त रचनाओं के एहसासों को भी शायद भूल जाए। धन्यवाद।