प्रत्येक दिन लिखते-लिखते छूट ही जाता है कुछ न कुछ.. पर , दुःख इसका नहीं छूटा हुआ क़भी तो हाथ आएगा ही , पर जो लिखा ही नहीं जा सकता उसका क्या....!!🖤 #शुभ_रात्रि🙏🥀 ©Rising लेखक अनसुलझा मन🙂