सोनू सूद का बिल्कुल ज़िक्र नहीं हुआ।उन्हें कैसे याद नहीं किया।कोरोना काल में जब अपने घर-परिवार से दूर श्रमिक वर्ग व अन्य कई, हजारों की संख्या में, घर आने को तरस रहे थे,तब ऐसी पहल, ऐसी मदद करने की किसी को न सूझी,जैसी सोनू सूद ने की।उनसे पूर्व के व साथ के भी कई कलाकार हैं जो फ़िल्म इंडस्ट्री में अरबों-खरबों कमा चुके होंगे पर ऐसी मदद करने की किसी ने कोशिश न की।सोनू सूद जैसे सरल स्वभावी, निरहंकारी इंसान ने कैसे इतना बड़ा सोच लिया कि सभी को देश के कोने-कोने में स्थित अपने घरों तक पहुंचा ना ही है।केवल घर पहुंचा ना ही नहीं बल्कि रास्ते के लिए खाने-पीने की भी बेहतरीन व्यवस्था की। सचमुच उनमें बसा इंसान अद्धभुत है सभी कोरोना योद्धाओं को पीछे छोड़कर वह फरिश्ता आगे निकल गया। यूँ तो कई दानदाताओं ने भारी राशि सहयोग स्वरूप दी पर वह कितने सही हाथों में पहुँची वह अलग बात है।कई घरों में राशन होने के बावजूद, उन्हें राशन मिल गया और असली जरूरतमंद वंचित रह गए।सब खबरें हम और आपने बखूबी देखी-सुनी। #बरसने वाले बादल#१७.०८.२०#भाग1 #clouds