फायदे एक नहीं,,, हजार होते हैं शहर के... मगर लोग खुदगर्ज और अपनी धुन मैं सवार होते हैं शहर के । यूँ तो कर देते हैं सहायता अजनबी की भी गाँव वाले... मगर अपने पडोशी की भी मदद पाने को, लोग लाचार होते हैं शहर के ।। #pyara_gaav_sachha_gaav Muskan