है मंजिल तुझे क्या नाम दूं दिल कर रहा तुझे इनाम दू.. तुझ तक पहुंचने में जितने पत्थर राह से हटाता हूं.. तू उतने ही फिर डाल देती हैं... कमाल करती हैं.... पर याद रख ज़िद्दी हूं में .... बस यूं ही... ©Dinesh Nimbawat Mali #kitaab #jiddi