आरजू हैं, कभी बैठे संग तेरे, शहर के इस शोर से, कहीं दूर।। ©Twinkle Karmakar आरजू हैं, कभी बैठे संग तेरे, शहर के इस शोर से, कहीं दूर ट्विंकल कर्मकार