#parinde साहित्य क्या है? साहित्य का स्वरूप क्या है और क्या होना चाहिए? ऐसे अनगिनत प्रश्नो के उत्तर खोजने वाले जिज्ञासु को जब उत्तर प्रदान करने वाला अथवा वह मार्गदर्शक जो सही मार्ग दर्शित करदे ऐसे गुरु का जब जिज्ञासु सान्निध्य प्राप्त कर लें तथा शिष्य के रूप उस जिज्ञासु को स्वीकार कर लें तब तत्वों के रहस्य बड़े सहज रूप से सुलझते जाते हैं जिसका वर्णन करना शब्दों कि सीमा से परे है तथा जिसे केवल अनुभव और अनुभूत ही किया जा सकता है। परिंदे पेज आज गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर शिक्षाविद्, रचनाकार आदरण #कविता