रुह की मोहब्बत ना की जिसने वो बहाना अश्क क्या जाने, बिन मशक़्क़त ख्यालों में आ जाए इसका मश्क़ क्या जाने। #YourQuoteAndMine Collaborating with कुँ सत्य प्रकाश परमार