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#अगर अगर तुम न होते तो मेरा वजूद क्या था।दिन रात त

#अगर अगर तुम न होते तो मेरा वजूद क्या था।दिन रात तड़पता फिरता पागलों की भांति।ये धरती चांद सितारे सब बेकार  था। एक आश जगी तुम्हे पाकर जिंदा हूं,मर जाता अगर तुम न होती। ये बात wayise हैरत है हम सभी के लिए
की जिंदा रहके तरसते हैं जिंदगी के लिए।
हमी ने शम्मा जलायी हमीं ने खून दिया
हमी ये देखो तरसते हैं रौशनी के लिए।
       
 गमों को कोई भी अपना नहीं समझता  है,
हर एक शक्स परेशान है खुशी के लिए।
हम ऐसे शय का करें इतवार क्या यारों,
#अगर अगर तुम न होते तो मेरा वजूद क्या था।दिन रात तड़पता फिरता पागलों की भांति।ये धरती चांद सितारे सब बेकार  था। एक आश जगी तुम्हे पाकर जिंदा हूं,मर जाता अगर तुम न होती। ये बात wayise हैरत है हम सभी के लिए
की जिंदा रहके तरसते हैं जिंदगी के लिए।
हमी ने शम्मा जलायी हमीं ने खून दिया
हमी ये देखो तरसते हैं रौशनी के लिए।
       
 गमों को कोई भी अपना नहीं समझता  है,
हर एक शक्स परेशान है खुशी के लिए।
हम ऐसे शय का करें इतवार क्या यारों,