शोर गुज़र जाएँगे लम्हे ये गम-ए-रात के, खुशी से मिल जाएँगे सुख के छोर। अगर ना मिले जो हक तुम्हारा यहाँ, देर तो है अन्धेर नहीं करना मत शोर।।