बड़ा अज़ब है ये तोहफा इश्क़ का कोई छोड़ इसे आबाद हो गया कोई अकेले मे रोना सीख गया कोई दूजे के घर को सजाने मे लग गया कोई अपना घर जलाने पे तूल गया वो कहता है आंखों में दर्द बसता है उसके फिर क्यो वो किसी का हमसफर बन गया किसी की आंखों के सूख गये अश्क़ सारे कोई खुशियों के अश्क़ आंखों में सजाने लग गया जो कहता था मुझमे बसता है तू वो अपनी रूह को किसी ओर मे शामिल कर गया बड़ा अजब है तोहफा इश्क़ का कोई रोता रह गया कोई मुस्कुराने लग गया सुना है नये तोहफ़े मिलने लगे है तुम्हे अब मेरे सस्ते तोहफों को जला देना तुम तोहफा #shyari#poetry#gift#kalakash#nojotohindi