ज़िन्दगी तू भी तो कहीं हारी होगी, तूने भी तो क़ोई आवज़ पुकारी होगी, चलफिर कर थक जाती है जो शाम, वो शाम तूने भी कहीं तो गुज़ारी होगी, मनसूबे है कुछ कर गुजरने के एक वक्त में सभी को यहाँ पर, "हिमांश" उस वक़्त से निकल कर तुमने भी क़ोई राह सँवारी होगी॥ ज़िन्दगी तू भी तो कहीं हारी होगी, तूने भी तो क़ोई आवज़ पुकारी होगी... one way..!!!