भाँग धतुरा पी पी कर तुम हुडदंग खूब मचाओगे ll जितना चाहो भक्ति कर लो शूद्र ही कहलाओगे l सम्मान नही मिलना तोले भर मंदिर से निकाले जाओगे ll भूल गये पिछले वर्षों की मंदिरों से तुम्हे भगाया था l अछूत बता कर पूर्वजों को स्कूल के बाहर बैठाया था ll इतिहास के पन्ने याद करो मैला तुम से ढुलवाया था l जोर जुल्म कर देव भक्तों ने हरिजन तुम्हे बनाया था ll इतने अपमान के बावजूद भी भजन कीर्तन गाते हो l पुजारी के पीछे हो कर खड़े आरती खूब सुनाते हो ll दलित पशु बताया “तुलसी” ने फ़िर भी घंटा खूब बजाते हो ll न तुम सुधरे न सुधरोगे अपमान अपना कराओगे l *जितना चाहो भक्ति करलो * *शूद्र , अछूत ही कहलाओगे ll* जय भीम जय भारत   bharkhai khadiya nagla