ये शेर मुकम्मल कैसे होगा गर इसमें हमारे हिज्र का ज़िक्र न हो ख़ुदा से मांगी दुआ मुकम्मल कैसे होगी गर उसमें तेरी फिक्र न हो #NojotoQuote #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #HijrMeansSeparation