चाहत हो तुम राहत हो तुम जिसने दिल को छुआ वो इबादत हो तुम हम हैं यहीं तुम हो वहाँ जिसकी हो दिल में खलिश वो शिकायत हो तुम... © abhishek trehan 🎀 Challenge-304 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 55555 कविता लिखिए। कुल पाँच पंक्तियाँ और हर पंक्ति में पाँच शब्द।