रूह तेरी रूह से जुड़ना सा था मुझे पता ही ना चला , कब मुर्दों से दोस्ती हो गई तेरी लौ में जलना सा था मुझे पता ही ना चला , कब मेरी काया ही भस्म हो गई बेशक , मोहब्बत तुम्हे भी है मुझसे तकलीफ़ मुझे बस इतनी सी रह गई , कि तेरे तगाफुल ने मुझे तबाह कर दिया ©Nainika Jagat #तगाफुल #रूह