जब नजरों से नजरें टकराने लगी, दिल पर लगी चोट तो धड़कनें शोर मचाने लगी। दिल तुझे देख कर क्यों धड़कने लगा, मेरे दिल की आवाज हमको ही समझाने लगी। दिल का क्या कसूर है कैसे कहें, चाहत की डोर दिल को अपनी ओर लाने लगी। दिल दिल से ही बगावत करने लगा, दिल की धड़कनें तेरी चाहत के गीत गाने लगी। दिल ख्वाबों की दुनिया सजाने लगा, तसव्वुर में मेरे हर पल तेरी तस्वीर आने लगी। दिल में चाहत की कलियां खिलने लगी, बावरे मन में मिलन की शहनाइयाँ बजने लगी। ख्वाबों का भी एक ख्वाब तुम बन गए, ख्वाबों में भी ख्वाबों की दुनिया सजने लगी। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1002 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।