कितने रंगों से मैने रंगा था ज़िन्दगी को अब हर एक तिनका-तिनका उजड़ रहा है सपने सजाए थे फ़िर से तुझसे मिलकर कि अब तु भी मुझसे बिछाड़ रहा है #रंग #सारे #उजड़#रहे