कुछ हसीन लम्हों के गिरफ़्त में ताउम्र रहना चाहती हूँ, वरना क्या पता तेरी जेल से कब जमानत हो जाये, ए जिंदगी! -Rekha $harma #मेरी दोस्त-ए जिंदगी!