#2YearsOfNojoto कागज के पन्नों में कैद थी कविताएं मेरी, न कोई वजूद न कोई पहचान थी इनकी, सुना नोजोटो का नाम तो कैद से धीरे -धीरे बाहर आई कविताओं कहानियों ने नई उड़ान पाई जहाँ भी जाती , तारीफों के दाने चुनकर लाई इनके साथ साथ नई पहचान मैंने भी पाई नोजोटो आपको 2 वर्ष पूरे होने की लख लख बधाई ,,,,,🙏 #2yearsofnojoto