अश्विनी कुमार नकुल सहदेव पांच पांडवों में चौथे और पांचवें स्थान पर थे। माता माद्री के कोख से इनका जन्म चिकित्सक अश्विनों के वरदान से हुआ था। नकुल, सहदेव शक्ति और रूप में जुड़वा बंधु स्वयं जुड़वा अश्विनों से बढ़कर थे। नकुल का अर्थ है परम विद्वान नकुल धर्म नीति और चिकित्सा शास्त्र में दक्ष थे। नकुल के गुरु द्रोणाचार्य थे नकुल पशु चिकित्सा और अश्वविद्या में दक्ष थे। अज्ञातवास में नकुल ने ग्रंथिक का भेष बना राजा विराट के घोड़ों की देखभाल की। नकुल वर्षा में बिना जल छुए घुड़सवारी कर सकते थे घुड़सवारी में पारंगत थे। पत्नी द्रौपदी से पुत्र शतानीक और पत्नी करेणुमति से निरमित्र पुत्र हुए थे। नकुल कामदेव सम सुंदर थे इसी घमंड के कारण स्वर्ग जाने के मार्ग में मृत्यु हुई थी। सहदेव सबसे छोटे पांडु पुत्र थे यह भी पशुपालन शास्त्र और चिकित्सा में दक्ष थे। अज्ञातवास में राजा विराट के यहां पशुओं की देखरेख व गाय चराने का कार्य किया। सहदेव ने द्रोणाचार्य से धर्मशास्त्र चिकित्सा के अलावा ज्योतिष विद्या भी सीखी। त्रिकालदर्शी थे सहदेव महाभारत के परिणाम जानते थे श्रीकृष्ण ने श्राप से चुप रहे। सहदेव की चार पत्नियां थी द्रौपदी विजया भानुमति और जरासंध की कन्या। सहदेव के नाम से तीन ग्रंथ प्राप्त हैं व्याधिसंधिमर्दन अग्नि शोध और शगुन परीक्षा। अश्विनी कुमार नकुल और सहदेव भाइयों और माताओं के अति प्रिय थे #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #mahabharat_charitra #nakul_sahdev Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates... Results will be out tomorrow along with new topic...