मैं हूँ रावण मैं ही हूँ लंकाधिपति रावण मैं ही हूँ दसानन मैं ही हूँ त्रिलोक विजेता पर फिर भी मैं भयभीत था भयभीत था मैं उस राम से जो मेरा विनाश था सोने की लंका का अधीश्वर था ना तीनों लोकों में था मेरे जैसा कोई पर फिर भी मैं भयभीत था भयभीत था मैं उस राम से जो मेरा अभिशाप था मैं अजर था, अमर था फिर भी अंदर एक भय था मैं काम था, क्रोध था, लोभ था, मोह था फ़िर भी मैं भयभीत था भयभीत था मैं उस राम से जो इन सब से परे था मैं रावण हूँ -1 #yqquotes #ydidi #yqbaba #yqtales #lifelessons #newwritersclub #yqhindi #yqthoughts