मां, बहन ,भाभी या किसी भी रिश्ते से पहले तुम एक स्त्री हो। तुम मत भूलो कि तुम ईश्वर की सबसे सुंदर रचनाओं में से एक हो । तुम प्रेम की पराकाष्ठा हो और ममता की मूरत हो । हे स्त्री अपने जीवन में तुम कभी निष्ठुर और कठोर नहीं हो सकती । क्योंकि तुम कोमल हृदयांगी हो, तुम ईश्वर की प्रति छाया हो । तुम्हें आता है हर रिश्ते को निस्वार्थ भाव से निभाना, क्योंकि तुम निश्छल हो। जब बात होती है समाज में एक स्त्री की, तो भाव प्रकट होता हैं प्रेम और ममता का। तुम सौंदर्य की मूरत हो,चरित्र से गुणवान और पवित्र हो। हे नारी जिसने तुम्हारे हृदय को समझा, तुमने अपना जीवन उस पर न्योछावर किया। जिसने देखा बुरी नजरों से तेरी कोमल काया को। हे नारी तूने उस पापी को मां काली का रूप दिखाया। हे स्त्री तुम अस्तित्व की पहचान हो और इस धरती की शान हो ©Negi Girl Kammu नारी