जिंदगी घिरी हो हमारी चाहे लाख तूफानों में, मुश्किलें खड़ी हो चाहे कितनी हमारे द्वारे में। हिम्मत नहीं हारेंगें कभी भी मुश्किलों की घड़ी में अपने ही काम आएंगें हर मुश्किल की घड़ी में। हार और जीत तो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, हार जीत की जंग में पड़कर हमें ना खो जाना है। रिश्तो में आ जाएंँ चाहे जितनी भी बड़ी दूरियांँ, जिंदगी के आख़री पन्ने पर तुमसे होगी खुशियाँ। "एक सोच" मरकर भी अपने सब रिश्ते निभाएगी अपनी तरफ से कभी शिकायत का मौका ना देगी। ❤ प्रतियोगिता- 390 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 👉🏻🌹"आख़री पन्ने पर"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I