आंखों ने देखा है कानों ने छुआ है तुम्हारी सांसों को तुम्हारी मधुर आवाज को तुम कहां मुझे जानते हो पर मैं तुम्हें पहचानता हूं तुम्हारे हर बात, हर राज़ को, तुमसे ज्यादा जानता हूं रौशनी में साथ रहता हूं पर अंधेरे में खो जाता हूं, कुछ कुछ जानती हो तुम भी मैं तुम्हारा साया, हमसाया हूं ©KRISHNARTH #साया #हमसाया