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2nd _ खुद को तलहटी में उतार कर ,मिट्टी को अपने हाँ

2nd _
खुद को तलहटी में उतार कर ,मिट्टी को अपने हाँथो से तरास कर नया रूप दे जाता है..तनिक तो उस पर भी ध्यान दो साहब वो भी मजदूर है वो कैसे  अपने परिवार की खातिर दो वक्त की रोटी जुटा पाता है ।..
अब कहाँ को इन मिट्टी के बर्तनों को उपयोग में लाता है।।
माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रोंदे मोय।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौदूंगी तोय।।
@Malhotra #मज़दूरदिवस
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खुद को तलहटी में उतार कर ,मिट्टी को अपने हाँथो से तरास कर नया रूप दे जाता है..तनिक तो उस पर भी ध्यान दो साहब वो भी मजदूर है वो कैसे  अपने परिवार की खातिर दो वक्त की रोटी जुटा पाता है ।..
अब कहाँ को इन मिट्टी के बर्तनों को उपयोग में लाता है।।
माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रोंदे मोय।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौदूंगी तोय।।
@Malhotra #मज़दूरदिवस