थाम ले अपने मुहब्बत को घूंघट की जगह हाथों की सहारा कब तक काम आएगा। हम तेरे है दिवाली नजरों को छुपाना कब तक काम आएगा। बड़ी फुर्सत से सम्भाल रखा था हमने वरना बिक्री के मेले में हमे भी खरीदने आया था। बिक्री के मेले