Press कहीं पढा था कि दौर कैसा था ये उस वक़्त का अखबार बताता है, और जो दिख रहा है मुझे वो बेहद दुखद है, गिरना भी अच्छा होता है मगर, इतना न गिर जाओ की उठाने के लिए क्रेन बुलानी पड़े। ©Pràteek Siñgh मैं लिखता हूँ सच लिख कड़वा जाता है। #NationalPressDay