मेरे पास और कुछ तो क्या होगा, तन्हाई की कुछ बूंदे होंगी, जमीन पर पसरा अंधेरा होगा गिरा रहूँगा मै नाउम्मीदी के कुएं मे और मुझे चारो ओर से यादों ने घेरा होगा ख्यालों मे तो डूबा रहेगा मन, पर उन ख्यालों मे अर्थ का नही कोई बसेरा होगा नही होगा वहाँ कोई मेरी हालत समझने वाला, वहांँ हालत से मेरा रिश्ता सिर्फ मेरा होगा ©Sumit Sehrawat #JumuatulWidaa