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मेरे पास और कुछ तो क्या होगा, तन्हाई की कुछ बूंदे

मेरे पास और कुछ तो क्या होगा, 
तन्हाई की कुछ बूंदे होंगी, 
जमीन पर पसरा अंधेरा होगा
गिरा रहूँगा मै नाउम्मीदी के कुएं मे 
और मुझे चारो ओर से यादों ने घेरा होगा
ख्यालों मे तो डूबा रहेगा मन, 
पर उन ख्यालों मे 
अर्थ का नही कोई बसेरा होगा 
नही होगा वहाँ कोई मेरी 
हालत समझने वाला, 
वहांँ हालत से मेरा रिश्ता 
सिर्फ मेरा होगा

©Sumit Sehrawat #JumuatulWidaa
मेरे पास और कुछ तो क्या होगा, 
तन्हाई की कुछ बूंदे होंगी, 
जमीन पर पसरा अंधेरा होगा
गिरा रहूँगा मै नाउम्मीदी के कुएं मे 
और मुझे चारो ओर से यादों ने घेरा होगा
ख्यालों मे तो डूबा रहेगा मन, 
पर उन ख्यालों मे 
अर्थ का नही कोई बसेरा होगा 
नही होगा वहाँ कोई मेरी 
हालत समझने वाला, 
वहांँ हालत से मेरा रिश्ता 
सिर्फ मेरा होगा

©Sumit Sehrawat #JumuatulWidaa