छोटी उंगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठाने वाले श्री कृष्ण, एक छोटी सी बाँसुरी को दोनों हाथों से पकड़ते हैं। बस इतना ही अंतर है "पराक्रम और प्रेम" में, इसलिए रिश्तो में "पराक्रम" नहीं "प्रेम" होना चाहिये।