छाई हैं घनघोर घटाएँ शायद आज बरसात हो। झरोखे से झाँकते हैं नैना शायद आज मुलाक़ात हो। दिल की दीवार पर एक तस्वीर है शायद आज रूबरू वो गात हो। अब तक छुपाए रखें है उसने शायद आज ज़ाहिर जज़्बात हो। मन की उधेड़बुन पर लगाम लगे शायद आज इस मुद्दे पर बात हो। ♥️ Challenge-688 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।