दिल में हो तुम,धड़कन में हो तुम,मेरे जीवन के हर कण-कण में तुम, हर आती जाती साँस में तुम, रग-रग में बहते हो लहू बन तुम ही तुम। मेरी नींदों में, मेरे ख्वाबों में तुम,मेरे जीवन का चैन-ओ-करार हो तुम, मेरी जिंदगी तुझमें ही समाई है, मेरे लिए मेरे सूरज,चाँद, तारे हो तुम। रोशन है दुनिया मेरी तेरी ही रोशनी से, मेरी जिंदगी के उजाले हो तुम, बेचैन दिल की धड़कन में धड़कते हो तुम, मेरी रुह की राहत हो तुम। तुम पर ही मरता है यह दिल, मेरी पहली और आखिरी चाहत हो तुम, मेरा दिल हो,मेरा जिगर हो, मेरी जान हो और मेरी जिंदगी हो बस तुम। खुदा से रात और दिन दुआ में मांगते थे जिसे, वह पूरी हुई मन्नत हो तुम, तुझसे ही मैं हूँ, मेरा वजूद है और मेरी जिंदगी के लिए मेरी जन्नत हो तुम। ➡ प्रतियोगिता संख्या- 04 ➡ शीर्षक:- दिल में हो तुम ➡ कोई शब्द सीमा नहीं है। ➡ इस प्रतियोगिता में आप सभी को इस शीर्षक पर collab करना है।