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झिलमिल तारों सी चहकती झिलमिलाती, जिनके आँखों में प

झिलमिल तारों सी चहकती झिलमिलाती,
जिनके आँखों में प्यार की ममता थी नज़र आती,

दिलों में बहारों की फुहार थी लाती,
अपनी मखमली आवाज़ से सुरों की धुन थी बतलाती,

माँ के आँचल से बिछड़े बच्चे के होठों में अपने मधुर तान से  हँसी की किलकारी थी लाती,
परेशान सी ज़िंदगी में मधुर ध्वनि की सुरताल थी बन जाती,
ज्ञान की देवी तक पहुंचने का मार्ग जिनके सुरों से थी समझ आती,

जी हाँ ,वो माँ लता मंगेश्कर जी ही थी,
जो देवी सरस्वती जी की छवि बन इस दुनिया में थी जानी जाती,

यूँ ही आँसू नहीं छलके थे उनकी विदाई पर ,
शायद इसलिए तो देवी सरस्वती जी उनकी आवाज़ में थी नज़र आती,

©Tomal Chouhan subscription Link in bio

#LataMangeshkar
झिलमिल तारों सी चहकती झिलमिलाती,
जिनके आँखों में प्यार की ममता थी नज़र आती,

दिलों में बहारों की फुहार थी लाती,
अपनी मखमली आवाज़ से सुरों की धुन थी बतलाती,

माँ के आँचल से बिछड़े बच्चे के होठों में अपने मधुर तान से  हँसी की किलकारी थी लाती,
परेशान सी ज़िंदगी में मधुर ध्वनि की सुरताल थी बन जाती,
ज्ञान की देवी तक पहुंचने का मार्ग जिनके सुरों से थी समझ आती,

जी हाँ ,वो माँ लता मंगेश्कर जी ही थी,
जो देवी सरस्वती जी की छवि बन इस दुनिया में थी जानी जाती,

यूँ ही आँसू नहीं छलके थे उनकी विदाई पर ,
शायद इसलिए तो देवी सरस्वती जी उनकी आवाज़ में थी नज़र आती,

©Tomal Chouhan subscription Link in bio

#LataMangeshkar